विद्याज्ञान स्कूल एक प्रतिष्ठित आवासीय (रिहायशी) विद्यालय है जिसे शिव नाडार फाउंडेशन द्वारा वर्ष 2009 में स्थापित किया गया था। इसका उद्देश्य उत्तर प्रदेश के ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों के होनहार लेकिन आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को निःशुल्क और उत्कृष्ट गुणवत्ता की शिक्षा प्रदान करना है।
विद्याज्ञान स्कूल क्या है?
विद्याज्ञान स्कूल एक ऐसा संस्थान है जो गरीब और ग्रामीण पृष्ठभूमि के बच्चों को एक अंतरराष्ट्रीय स्तर की शिक्षा देता है, जिससे वे भविष्य में लीडर बन सकें और अपने समाज और देश के विकास में योगदान दे सकें।
यह पूरी तरह नॉन-प्रॉफिट (लाभ-निरपेक्ष) संस्था है, जिसका संचालन शिव नाडार फाउंडेशन द्वारा किया जाता है। विद्याज्ञान का विश्वास है कि एक प्रतिभाशाली बच्चे को सही अवसर और संसाधन मिले तो वह जीवन में बहुत ऊंचाई तक पहुंच सकता है, चाहे उसकी पारिवारिक स्थिति कैसी भी हो।
विद्याज्ञान स्कूल का उद्देश्य
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ग्रामीण छात्रों की छिपी हुई प्रतिभा को पहचानना और निखारना
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उन्हें विश्व स्तरीय शिक्षा प्रदान करना
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समाज में नेतृत्व की क्षमता विकसित करना
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सामाजिक असमानता को शिक्षा के माध्यम से मिटाना
विद्याज्ञान स्कूल की शाखाएँ
विद्याज्ञान के उत्तर प्रदेश में दो आवासीय स्कूल हैं:
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विद्याज्ञान लीडरशिप एकेडमी, सीतापुर
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विद्याज्ञान लीडरशिप एकेडमी, बुलंदशहर
इन दोनों स्कूलों में कक्षा 6 से लेकर कक्षा 12 तक की शिक्षा दी जाती है।
✨ क्या है खास विद्याज्ञान में?
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CBSE बोर्ड से मान्यता प्राप्त शिक्षा
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पूरी तरह निःशुल्क पढ़ाई, रहना, खाना, वर्दी, किताबें, आदि
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स्मार्ट क्लासरूम, साइंस लैब, कंप्यूटर लैब
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खेल, संगीत, कला, थिएटर जैसी सह-पाठ्य गतिविधियाँ
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विद्यार्थियों के व्यक्तित्व और नेतृत्व विकास पर विशेष ध्यान
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देश-विदेश की प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटीज़ (जैसे IIT, IIM, DU, येल, हार्वर्ड आदि) में प्रवेश पाने वाले विद्यार्थी
कौन ले सकता है प्रवेश?
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केवल उत्तर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र के छात्र/छात्राएं
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परिवार की सालाना आय ₹2 लाख से कम होनी चाहिए
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कक्षा 5 में पढ़ाई कर रहे हो
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प्रवेश केवल कक्षा 6 में होता है
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प्रवेश के लिए लिखित परीक्षा और साक्षात्कार लिया जाता है
संपर्क करें
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वेबसाइट: https://www.vidyagyan.in
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ईमेल: connect@vidyagyan.in
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फोन: 1800 102 1784
निष्कर्ष
विद्याज्ञान स्कूल एक ऐसा मंच है जो सपनों को उड़ान देता है। यदि आपके आस-पास कोई बच्चा है जो प्रतिभाशाली है लेकिन संसाधनों की कमी के कारण पीछे रह जाता है, तो विद्याज्ञान उसके लिए एक सुनहरा अवसर है।
विद्याज्ञान से बदलिए भविष्य – शिक्षा के साथ, सम्मान के साथ।